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देखना जब हमें

देखना जब मुझे कर शान ये गाली देना 

किस से तुम सीखे हो हर आन ये गाली देना 


इख़्तिलात आप से और मुझ से कहाँ का ऐसा 

वाह जी जान न पहचान ये गाली देना 


अब तो नादाँ हो सुना चाहो सो प्यारे कह लो 

पर तुम्हें होवेगा नुक़सान ये गाली देना 


आख़िरश होगी जो उन पर तो किसे भावेगा 

चंद रोज़ और ही मेहमान ये गाली देना 


तोहमत-ए-बोसा अबस देती हो मंज़ूर जो हो 

कर के बे-फ़ाएदा बोहतान ये गाली देना 


दीजिए दीजिए है ऐन सआ'दत अपनी 

आशिक़ों पर तो है एहसान ये गाली देना 


तेरे ग़ुस्सा से जो 'इंशा' हो ख़फ़ा नाहक़ है 

हाँ तुझे चाहिए नादान ये गाली देना

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